परशुराम दल के संकल्प

परशुराम दल के संकल्प

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  1. परशुराम दल का प्रथम संकल्प राष्ट्र हित व विप्र हित है।
  2. देश, धर्म व ब्राह्मण विरोधी नीतियों का डटकर विरोध करना।
  3. सभी जगह गऊ, ब्राह्मण व संतों की युद्धस्तर पर रक्षा करना।
  4. केन्द्र व राज्य स्तर पर ब्राह्मण आयोग की स्थापना के लिए सरकारों के समक्ष मांग रखना।
  5. देश में ब्राह्मणों के खिलाफ शोषल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से चलाए जा रहे दुष्प्रचारों को कठोरता से रोकना।
  6. जातिगत आरक्षण के विरोध में मुहिम चलाकर इसे आर्थिक आधार पर करवाना विशेषतः शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण को जड से खत्म करवाना।
  7. सरकारी नौकरियों में उम्र की छूट सभी वर्गों को समान मिले इसके लिए देशव्यापी मुहिम चलाना।
  8. आर्थिक रूप से कमजोर व पिछडे ब्राह्मण परिवारों की आर्थिक सहायता करना तथा वहां की सरकारों द्वारा विप्र परिवारों को सरकारी सुविधाओं से लाभान्वित करवाना।
  9. आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मण परिवारों की बहन-बेटियों की सनातन रीतिरिवाज से शादी करवाना।
  10. बेघर ब्राह्मण परिवारों को सरकार अथवा निजी तौर पर मकान उपलब्घ करवाना।
  11. ब्राह्मण समाज के महत्वपूर्ण अंग कश्मीरी पण्डितों की मजबूत आवाज बनकर उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार से पुनर्वाश सम्बन्धी योजना का अतिशीघ्र कार्यान्वयन करवाना।
  12. भारतीय सेना में बंद कर दी गई ब्राह्मण रेजीमेंट को पुनः सक्रिय करवाना।
  13. देश के प्रत्येक शहर व गांव में भगवान परशुराम जी की मूर्ति स्थापित करना।
  14. सम्पूर्ण देश में जिला स्तर पर भगवान परशुराम के नाम पर स्कूल व कॉलेज की स्थापना करवाना जहां ब्राह्मण छात्र-छात्राओं व समाज के हर गरीब बच्चे को निःशुल्क शिक्षा प्राप्त हो सके।
  15. देशभर में भगवान परशुराम मल्टीस्पैसिलिस्ट अस्पतालों की स्थापना करवाना, जहां ब्राह्मणों, संतो व समाज के हर गरीब को निःशुल्क चिकित्सा प्रदान की जा सके व चिकित्सकीय शिविर लगवाए जा सकें।
  16. देश के विभिन्न स्थानों पर बडे-बडे शिक्षण संस्थानों व कोचिंग सेंटरों के नजदीक निजी अथवा अनुबंध पर छात्रावास लेकर आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मण छात्र-छात्राओं को उनके अध्यनकाल तक निशुल्क रहने व खाने की सुविधा प्रदान करना।
  17. हर जिले में प्रत्येक वर्ष ब्राह्मण परिवारों के मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान करते हुए जरूरतमंद प्रतिभाओं को निशुल्क शिक्षा प्रदान करवाना।
  18. हरियाणा सरकार द्वारा लोक गायकी में सूर्यकवि दादा लखमीचन्द पुरूस्कार आरंभ करवाना।
  19. देश के नवचयनित ब्राह्मण भा.प्र.से/भा.पु.से व अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं एवं प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठता सिद्ध करने वाले प्रतिभाशालियों को सम्मानित करना।
  20. देश के प्रमुख कथाकारों एवं धार्मिक प्रवचनकर्ताओं को धार्मिक प्रवक्ता का विशेष दर्जा दिलवाते हुए इन्हें पद्मश्री अथवा समकक्ष सम्मान से सम्मानित करने के लिए मांग उठाना।
  21. राष्ट्र की प्राचीन धार्मिक धरोहरों व देवस्थानों, मन्दिरों को अपने अथक परिश्रम से सींचकर हर समय भगवान की पूजा करने वाले पण्डित, पुजारियों व पुरोहितों को वहां की सरकारों द्वारा उन्हें विशेष सेवायत का दर्जा प्रदान करते हुए राज्यस्तरीय सम्मान से अलंकृत करने की मांग उठाना।
  22. देश भर में प्राचीन एवं प्रतिष्ठित मन्दिरों व देवस्थानों पर वहां के पुरोहितों व पण्डितों के पूर्ण अधिकार के लिए मुहिम चलाना।
  23. शहर व गांव के सार्वजनिक मन्दिरों पर पूजारत विप्र पुजारियों व सेवारत संतों को सरकार से मानदेय दिलवाना।
  24. देश के विभिन्न गुरूकुलों में आचार्यों व धार्मिक स्थलों पर वेदपाठी व कर्मकाण्डी ब्राह्मणों के लिए सरकारी मानदेय की मांग करना।
  25. देशभर में भगवान परशुराम जी के पिताश्री महर्षि जमदग्नि जी द्वारा पोषित कामधेनु गऊ के नाम पर गौवंश के संरक्षण व संवर्धन हेतु कामधेनु गऊशालाओं की स्थापना।

 

                                       ।। जय भगवान परशुराम।।