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संस्था नहीं परिवार है, हमारी सदस्यता पूर्णतः निःशुल्क है।

परशुराम दल की कार्यशैली

परशुराम दल की कार्यशैली परशुराम दल पूर्णरूपेण

परशुराम दल की आवश्यकता क्यों

देश मे ब्राह्मणों के लिए परशुराम दल

परशुराम दल के संकल्प

परशुराम दल के संकल्प Working with thousands

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  • (+91) 92592-78910
प्रस्तावना

परशुराम दल ब्राह्मणों का देशव्यापी बेखौफ संगठन है

जो पूरे देश में ब्राह्मणों के लिए हर मोर्चे पर फौज/सैना का काम करेगा ब्राह्मण समुदाय के साथ हो रहे अन्याय का डटकर विरोध करते हुए उनकी मजबूत ताकत बनेगा।
सर्वजन हिताय की नीति के तहत सर्व समाज को मार्गदर्शित करने वाले इस श्रेष्ठ वर्ग को आज कुछ अराजक तत्वों द्वारा भ्रामक प्रचार के द्वारा तथ्यहीन तरीके अपनाते हुए नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में हमें अपनी अस्मिता एवं वर्चस्वता को कायम रखने के लिए जागृत होना बेहद आवश्यक है।
युवाओं की शक्ति से भरपूर तथा वरिष्ठों के अनुभव से मार्गदर्शित इस दल का उद्देश्य येन-केन-प्रकारेण समस्त ब्राह्मण समुदाय को लाभ पहुंचाना है। सम्पूर्ण भारतवर्ष के ब्राह्मणों को जोडकर एक परिवार बनाने के संकल्प के साथ इस दल का गठन हुआ है। ब्राह्मणों की एकता, अखण्डता एवं संप्रुभता के लिए निरंतर कार्य करने वाले इस संगठन का लक्ष्य ब्राह्मणों को हर क्षेत्र में शसक्त बनाना है।

इसलिए आप सभी ब्राह्मण बन्धु विशेषरूप से युवा वर्ग इस महायज्ञ में सदस्यता रूपी आहूति डालकर विप्र समुदाय को मजबूत एवं महान बनाने के लिए विप्र एकता और विप्र श्रेष्ठता के संकल्प को साकार करें।

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संस्थापक समिति

परशुराम दल

विप्र श्रेष्ठता

सनातन हिन्दु धर्म के ध्वजावाहक एवं विश्व की पुरातन संस्कृति एवं सभ्यता के जनक युगदृष्टा, बृह्मवेत्ता मार्गदर्शक ब्राह्मण आदिकाल से राजसत्ता व धर्मसत्ता के प्रमुख एव मर्मज्ञ रहते हुए सभी वर्गों में अग्रणी रहे हैं।

भगवान परशुराम जी का तेज, महर्षि दधीचि का त्याग, गुरू द्रोणाचार्य का रण-कौशल, वैद्य धनवन्तरि एवं महर्षि चरक का औषध ज्ञान, चाणक्य की नीति जैसे महानता के कार्य किसी से छुपे नहीं हैं। इसी कडी में यदि समस्त ब्राह्मण शिरोमणियों की गाथाओं का यशगान किया जाए तो उल्लेख के लिए स्थान कम पड जाएगा।

इस कलिकाल में भी विप्रमहापुरूषों ने ना केवल भारतवर्ष को बल्कि पूरे विश्व को अपने ज्ञान से मार्गदर्शित किया है, गोस्वामी तुलसीदास जी को साक्षात भगवान श्रीराम ने दर्शन देते हुए रामचरित मानस की रचना के लिए प्रेरित किया। श्रीधाम वृन्दावन में विप्र परमहंश स्वामी श्री हरिदाश की मानस संतान के रूप में भगवान आज भी विराजमान हैं। दक्षिण भारत के विप्र संत रामानन्द की सगुण भक्ति सर्वव्यापी है। यही कारण है कि ब्राह्मण को जगद्गुरू की उपमा से अलंकृत किया गया है। आज भी विप्र समाज के धर्मगुरू एवं कथाप्रवक्ताओं ने अपने विद्वता भरे प्रवचनों से हिन्दुत्व को जागृत करने के लिए सनातन की धर्म ध्वजा को थाम रखा है।

हमारी महानविभूतियों ने स्वयं के समुदाय की उन्नति की परवाह ना करते हुए समदर्शी रूप दिखाया है व सर्वसमाज के कल्याण हेतु अनेक कार्य किए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में पंण्डित मदनमोहन मालवीय द्वारा बनारस हिन्दुविश्वविद्यालय की स्थापना हो या फिर पण्डित दीनदयाल उपाध्याय एवं श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा जनसंघ की स्थापना हो। श्री केशव बलराम हेडगेवार द्वारा राष्ट्रकल्याण के लिए कट्टर हिन्दुवादी संगठन आर.एस.एस. का संयोजन जो आज भी विश्व में हिन्दुत्व की मशाल थामे हुए है इसके अलावा विश्व हिन्दु परिषद व अन्य प्रमुख सनातन संगठनों की गठन समितियों के मुखिया भी ब्राह्मण ही रहे हैं। यहां तक कि आधुनिक राजनीति के प्रमुख दलों के आदर्श राजनेता श्री अटलबिहारी वाजपेयी तथा पण्डित नेहरू एवं शास्त्री जी सहित अन्य दलों के प्रमुख राजनेता भी ब्राह्मण भूषण ही रहे हैं।

हर युग में विप्रबल का वर्चश्व रहा है, मुगलों व पुर्तगालियों से लोहा लेने वाले अदम्य साहस के धनी मराठा ब्राह्मण वीर बाजीराव पेशवा के शौर्य को कौन नहीं जानता। स्वतन्त्रता संग्राम में भी विप्रगौरवों के योगदान को भुलाया नही जा सकता। देश को आजाद करने में ब्राह्मण अग्रणी रहे हैं। स्वतंन्त्रता सैनानी बाल गंगाधर तिलक व गोखले की क्रान्तिकारी विचारधारा से कोई अछूता नहीं है।

सदस्यता फॉर्म

परशुराम दल ब्राह्मणों का देशव्यापी बेखौफ संगठन है जो पूरे देश में ब्राह्मणों के लिए हर मोर्चे पर फौज/सेना का काम करेगा ब्राह्मण समुदाय के साथ हो रहे अन्याय का डटकर विरोध करते हुए उनकी मजबूत ताकत बनेगा।

Membership Form
Testimonial

भगवान परशुराम जी की जय,

देशव्यापी ब्राह्मण संगठन परशुराम दल को मेरा आशीर्वाद, सम्पूर्ण देश में गऊ, ब्राह्मण एवं सन्तों के हित के लिए गठित यह दल देश भर में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से समाज सेवा में अपनी एक अलग छाप छोडेगा।
विप्र युवाओं की शक्ति एवं संत महात्माओं एवं वरिष्ठ ब्राह्मणों के आशीर्वाद से सिंचित यह दल पूर्ण रूप से ब्राह्मणों के स्वाभिमान, सम्मान एवं शान के लिए कार्य करेगा।
मेरा आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं।

जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम जी महाराज

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