सनातन हिन्दु धर्म के ध्वजावाहक एवं विश्व की पुरातन संस्कृति एवं सभ्यता के जनक युगदृष्टा, बृह्मवेत्ता मार्गदर्शक ब्राह्मण आदिकाल से राजसत्ता व धर्मसत्ता के प्रमुख एव मर्मज्ञ रहते हुए सभी वर्गों में अग्रणी रहे हैं। ब्रा्ह्मणों ने वेदवेदान्तों के रहस्य को स्वयं में आत्मसात करते हुए हर युग में सर्वसमाज का कल्याण किया है। यह वर्ग आरंम्भिक काल से लेकर अब तक ज्ञान, विज्ञान, युद्ध एवं कला साहित्य जैसे सभी क्षेत्रों में अपने कौशल से श्रेष्ठ रहा है। हमारे पूर्वजों ने समाज कल्याण के लिए अपने प्राणों तक का उत्सर्ग किया है, त्याग, तप और तेज हमारी पहचान रही है।