परशुराम दल के संकल्प
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- परशुराम दल का प्रथम संकल्प राष्ट्र हित व विप्र हित है।
- देश, धर्म व ब्राह्मण विरोधी नीतियों का डटकर विरोध करना।
- सभी जगह गऊ, ब्राह्मण व संतों की युद्धस्तर पर रक्षा करना।
- केन्द्र व राज्य स्तर पर ब्राह्मण आयोग की स्थापना के लिए सरकारों के समक्ष मांग रखना।
- देश में ब्राह्मणों के खिलाफ शोषल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से चलाए जा रहे दुष्प्रचारों को कठोरता से रोकना।
- जातिगत आरक्षण के विरोध में मुहिम चलाकर इसे आर्थिक आधार पर करवाना विशेषतः शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण को जड से खत्म करवाना।
- सरकारी नौकरियों में उम्र की छूट सभी वर्गों को समान मिले इसके लिए देशव्यापी मुहिम चलाना।
- आर्थिक रूप से कमजोर व पिछडे ब्राह्मण परिवारों की आर्थिक सहायता करना तथा वहां की सरकारों द्वारा विप्र परिवारों को सरकारी सुविधाओं से लाभान्वित करवाना।
- आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मण परिवारों की बहन-बेटियों की सनातन रीतिरिवाज से शादी करवाना।
- बेघर ब्राह्मण परिवारों को सरकार अथवा निजी तौर पर मकान उपलब्घ करवाना।
- ब्राह्मण समाज के महत्वपूर्ण अंग कश्मीरी पण्डितों की मजबूत आवाज बनकर उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार से पुनर्वाश सम्बन्धी योजना का अतिशीघ्र कार्यान्वयन करवाना।
- भारतीय सेना में बंद कर दी गई ब्राह्मण रेजीमेंट को पुनः सक्रिय करवाना।
- देश के प्रत्येक शहर व गांव में भगवान परशुराम जी की मूर्ति स्थापित करना।
- सम्पूर्ण देश में जिला स्तर पर भगवान परशुराम के नाम पर स्कूल व कॉलेज की स्थापना करवाना जहां ब्राह्मण छात्र-छात्राओं व समाज के हर गरीब बच्चे को निःशुल्क शिक्षा प्राप्त हो सके।
- देशभर में भगवान परशुराम मल्टीस्पैसिलिस्ट अस्पतालों की स्थापना करवाना, जहां ब्राह्मणों, संतो व समाज के हर गरीब को निःशुल्क चिकित्सा प्रदान की जा सके व चिकित्सकीय शिविर लगवाए जा सकें।
- देश के विभिन्न स्थानों पर बडे-बडे शिक्षण संस्थानों व कोचिंग सेंटरों के नजदीक निजी अथवा अनुबंध पर छात्रावास लेकर आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मण छात्र-छात्राओं को उनके अध्यनकाल तक निशुल्क रहने व खाने की सुविधा प्रदान करना।
- हर जिले में प्रत्येक वर्ष ब्राह्मण परिवारों के मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान करते हुए जरूरतमंद प्रतिभाओं को निशुल्क शिक्षा प्रदान करवाना।
- हरियाणा सरकार द्वारा लोक गायकी में सूर्यकवि दादा लखमीचन्द पुरूस्कार आरंभ करवाना।
- देश के नवचयनित ब्राह्मण भा.प्र.से/भा.पु.से व अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं एवं प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठता सिद्ध करने वाले प्रतिभाशालियों को सम्मानित करना।
- देश के प्रमुख कथाकारों एवं धार्मिक प्रवचनकर्ताओं को धार्मिक प्रवक्ता का विशेष दर्जा दिलवाते हुए इन्हें पद्मश्री अथवा समकक्ष सम्मान से सम्मानित करने के लिए मांग उठाना।
- राष्ट्र की प्राचीन धार्मिक धरोहरों व देवस्थानों, मन्दिरों को अपने अथक परिश्रम से सींचकर हर समय भगवान की पूजा करने वाले पण्डित, पुजारियों व पुरोहितों को वहां की सरकारों द्वारा उन्हें विशेष सेवायत का दर्जा प्रदान करते हुए राज्यस्तरीय सम्मान से अलंकृत करने की मांग उठाना।
- देश भर में प्राचीन एवं प्रतिष्ठित मन्दिरों व देवस्थानों पर वहां के पुरोहितों व पण्डितों के पूर्ण अधिकार के लिए मुहिम चलाना।
- शहर व गांव के सार्वजनिक मन्दिरों पर पूजारत विप्र पुजारियों व सेवारत संतों को सरकार से मानदेय दिलवाना।
- देश के विभिन्न गुरूकुलों में आचार्यों व धार्मिक स्थलों पर वेदपाठी व कर्मकाण्डी ब्राह्मणों के लिए सरकारी मानदेय की मांग करना।
- देशभर में भगवान परशुराम जी के पिताश्री महर्षि जमदग्नि जी द्वारा पोषित कामधेनु गऊ के नाम पर गौवंश के संरक्षण व संवर्धन हेतु कामधेनु गऊशालाओं की स्थापना।
।। जय भगवान परशुराम।।